हैलो दोस्तो आप जानते होगे की आज दुनिया का सबसे अमीर इंसान एलोन मस्क हे और उससे पहले जैफ बेज़ोस थे , और उनसे पहले बिल गेट्स थे ।
लेकिन क्या आपको यह पता हे की उनसे पहले दुनिया का सबसे अमीर इंसान कोन था । तो 1982 से आने वाले कुछ सालो तक जो इंसान सबसे अमीर इंसान की जगह थे उनका नाम था सम वॉल्टन । जब 1992 मे सम वॉल्टन जी की मृत्यु हुए तब ही बिल गेट्स दुनिया के सबसे अमीर इंसान बने।
सम वॉल्टन इतने अमीर थे क्युकी उन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी बनाई थी वालमार्ट जिसने पूरे रिटेल इंडस्ट्री को बदल के रख दिया था। वालमार्ट आज भी दुनिया की सबसे ज्यादा रेवेन्यू कमाने वाली कंपनी हे। मतलब नंबर 1 पे जिसने 2017 में 486 बिलियन का रेवेन्यू कमाया था जबकि एपल ने 255 बिलियन का , आजके टाइम पर वालमार्ट का टोटल 11277 स्टोर्स और क्लब हे वर्ल्ड वाइड ।
वालमार्ट में टोटल 2.3 मिलियन लोग काम करते हे।जो दुनिया की किसीभी प्राइवेट कंपनी में सबसे ज्यादा हे। इनफैक्ट एक दिन में जितने लोग वालमार्ट में जाते हे उतनी तो कैनेडा की लोगसंख्या भी नहीं है।
1982 में जब फोर्ब्स ने सम वॉल्टन को दुनिया का सबसे अमीर इंसान घोषित किया तब सभी मीडिया वाले परेशान थे कि ये सम वॉल्टन कोन हे , कभी नाम नहीं सुना कभी देखा नहीं, सभी यही सोच रहे थे कि आखिर ये आदमी है कोन इसलिए कई रिपोर्टर उनके गाव पोहच गए जहां सम रहते थे, ईसी उम्मीद के साथ की दुनिया के सबसे अमीर इंसान को पैसों के पूल में नहाते हुए देखेंगे , एक सिगार जलाते देखेंगे , और जिनके आजू बाजू बोहोत सारी लड़कियां होंगी।
लेकिन सबकी यह उम्मीद चुर चूर होगए जब उन्हें पता चला कि सम कोई स्पोर्ट कर चलाने के बजाए एक पुरानी ट्रक चलते हे, जिसके पीछे पिंजरे लगाए हुए हे कुत्ते रखने के लिए । उन्हें पता चला कि सम कोई फैंसी सैलून में बाल कटाने के बजाए किसी नुक्कड़ सैलून में बाल काटते हे , डिज़ाइनर कपड़े पहनने की बजाए वह अपने ही स्टोर के सस्ते कपड़े और वालकैप पहनते है । मतलब वह एक सिम्पल तरीके से लाइफ जीने वाले इंसान थे ।
लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि वे कंजूस थे , नहीं असल बात तो यह थी कि वे पैसों की वैल्यू समजते थे। उन्होंने अपनी लाइफ में कुल 18 हवाई प्लेन खरीदी थी लेकिन उनमें से एक भी नए नहीं थी । और प्लेन भी किसी दिखावे के लिए नहीं बल्कि वक्त बचाने के लिए खरीदी थी , क्यों क्युकी सम एक मिडल क्लास घर से थे और उनके माता पिता भी हमेशा पैसे भी बोहोत इज्जत करते थे। क्युकी जब सम वॉल्टन बड़े हो रहे थे तब उनके घर में पैसों की प्रॉब्लम बोहोत चल रही थी। इसलिए इनके माता पिता पैसे संभाल के खर्च करते थे , और यही बात सम ने भी सीख ली थी।
जहा आजकल बच्चो का काम करना पाप समझा जाता है वहीं सम बचपन से भी काम करके घर में मदत करते थे। मतलब उन्होंने बचपन से ही पैसे कामना सीख लिया था, वे कभी खरगोश, कबूतर बेचते थे तो कभी न्यूज पेपर , मैगजीन बेचते थे घर घर जाके । वे काफी मेहनत से पैसे कमाते थे बचपन से ही , इसलिए इन्हे पैसे की इज्जत बोहोत होगई थी । सम चाहते तो एक लग्जरी लाइफ जी सकते थे लेकिन नहीं वे सिंपल लाइफ जीते थे। उनका मानना था कि अगर वो ज्यादा पैसे खर्च करेंगे तो वे इंडिरेक्टली अपने कस्टमर के जेब से पैसा खर्च कर रहे है। इसलिए ज्यादा बिजनेस सक्सेस नहीं हो पाते क्योंकि जब कंपनी ग्रो होरही होती है तब उनके मालिक कंपनी में से ज्यादा पैसे लेने लगते है और कंपनी के कम पैसा लगता है ।
इसलिए कंपनी की ग्रोथ स्लो या रुख जाती है। जबकि सम अपना मैक्सिमम प्रॉफिट फिरसे अपने बिजनेस में लगा देते थे न्यू न्यू शॉप्स खोलकर। इसलिए ही उन्होंने इतना बड़ा उम्पायर खड़ा कर पाया ।
कई लोग बोलते है कि उनके पास बिजनेस करने के लिए पैसे नहीं है , तो सम के पास भी पैसे नहीं थे । अगर आप उनकी तरह काम करके पैसे की वैल्यू करना सीख जाओगे , तो धीरे धीरे आप भी सम की तरह कुछ बड़ा करोगे लाइफ में।
बचपन से सम को उनकी माता ने यही सिखाया था कि बेटे जो भी करना वो बेस्ट करना । अपने आप के लिए जितने हो सके उतने बड़े गोल सेट करना । इसलिए सम हमेशा बेस्ट करने के लिए ही काम करते थे बचपन से , जैसे कि मैने पहले ही बताया की वे मैग्जीन बेचते थे पैसे कमाने के लिए , तब उसका एक कंपिटेशन निकला था कि एक दिन में को ज्यादा मैग्जीन के सब्सक्रिप्शन बेचता है तब उन्होंने सबसे ज्यादा बेचे थे।
जहां आजकल मा बाप बच्चो को खेल कूद से दूर रखना चाहते हे वहीं सम बचपन से फुटबॉल, बास्केटबॉल , बेसबॉल खेलते थे। और गर्मियों में स्विमिंग करने जाते थे और उन सबसे उनका रिकॉर्ड बोहोत अच्छा था। सम बोहोत ज्यादा मेहनत करते थे सबसे आगे रहने के लिए। वे एक्शन्स लेने में विश्वास रखते थे इसलिए वे जो भी करते थे उसमें जीतते थे ।
पैसा बोहोत तरीके से सम के लिए इतना महत्वपूर्ण नहीं था ।उनको जो चीज मोटिवेट करती थी वो यह कि हमेशा टॉप पर रहना ।सबसे आगे।
सैम वॉल्टन एक मोटीवेशन से भरे इंसान थे । जिन्हें लोग बोहोत पसंद करते थे उनके हंबल स्वभाव के लिए । इसलिए जब उनको हमेशा टॉप पे रहना पसंद था तो एकबार उनके यूनिवर्सिटी में प्रेसिडेंट बनने के लिए कंपीटेशन चालू हुआ तो उन्होंने उसमे सहभाग लिया , यहां उन्होंने ग्रेट लीडर शिप का एक सिम्पल सा सीक्रेट सीखा , सीक्रेट यह था कि जो भी इंसान उनके पास आता था वो उनसे पहले बात करते थे बजाए उस इंसान के कुछ बोलने से पहले ।
यह चीज वो हमेशा करते थे वे जिन्हें जानते थे उन्हें नाम लेकर बात करते थे और जिन्हें नहीं जानते उनसे भी बात करते थे। ऐसा करने से सब लोग उन्हें जानने लगे और अपना दोस्त मैंने लगे उसका असर। ऎ हुआ की वे इलेक्शन जीत गए।
सैम अपने यह के साफ सफाई कर्मचारी से लेकर हर छोटे इंसान को जानते थे और उनसे बात करते थे ,आगे चलकर यही स्वभाव उनको उनके शॉप्स में भी कस्टमर लाने में अच्छा साबित हुआ। मतलब वे दुकान के अंदर से ही लोगोंको प्रणाम करते थे जो बाहर से जा रहे होते थे । और कई सारे खेल खेलने की वजह से उनको टीम वर्क समझ आगया था । इसलिए इन सब चीजों को वालमार्ट को ग्रेट बनाने में यूज किया।
जैसे तैसे काम करते हुए उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की ।और अपनी लाइफ की पहली जॉब करी एक जे. सी.पेनी नामक शॉप पे जो एक रिटेल शॉप थी। सैम के हस्ताक्षर बोहोत ज्यादा गंधी थी जो कि मैनेजर को समझ तक नहीं आती थी । और इस वजह से कई मुश्किल भी आती थी ,लेकिन फिर भी वह उन्हें निकाल नहीं सकते थे क्युकी सैम एक बोहोत बेहतरीन सेल्समैन थे , जो बोहोत चीजे बेचते थे ।
जबकि वो हमेशा टॉप पर रहना पसंद करते थे तो उन्होंने अपने ससुर जी से 20 हजार डॉलर उधर लेकर एक खुदकी स्टोर खोल दी। जो बेन फ्रैंकली नामक स्टोर की फ्रेंचाइज़ी थी न्यूपोर्ट नामकी जगह पर। अब जोश जोश में उन्होंने दुकान ले तो ली लेकिन बादमें उन्हें पता चला कि बाकी दुकान कि कंपरिसैन में इस दुकान का रेंट कुछ ज्यादा था ।जो कि 5 %था टोटल सेल्स इनकम के ।
बेसिकली जिन लोगों ने इन्हे यह बेचा था वो उन्हें फसा ही रहे थे ये दुकान देके । लेकिन सैम ने इन सब बातों पे फोकस करने के बजाए की ,वो फस गए लोग कितने खराब हे दुनिया के , उन्होंने यह ऐम किया कि वे उसी स्टोर को जो उनके आने से पहले काफी लॉस में जा रही थी , उसी स्टोर को वे न्यूपोर्ट की बेस्ट एंड प्रॉफिटेबल स्टोर बनाएंगे।
उदाहरण उनके आने से पहले स्टोर 7200 डॉलर का सामान ब बेचती थी हर साल और उनके सामने वाली शॉप 1 लाख 50 हजार डॉलर का सामान बेचती थी हर साल ।
अब उन्होंने क्या किया कि अब वो बोहोत ज्यादा स्टडी करने लगे की कैसे वे अपने कंपाइटेशन से आगे जा सकत है । उन्होंने हर वो रिटेल पब्लिकेशन में आने वाली सभी किताबो को पढ़ डाला ।उसके बाद वे एक प्रोग्राम में गए बैन फ्रैंकलिन के जो ये सिखाता था कि स्टोर को कैसे हैंडल करना चाहिए ।
और सबसे महत्वपूर्ण की वे अपने कंपटेटर के स्टोर में होने वाले गतिविधियों को बोहोत गौर से स्टडी करते थे,की वो क्या कर रहा है और उन सभी चीजों को वो अपने स्टोर में अप्लाई करते थे ।
उसके साथ साथ वे बोहोत से एक्सपेरिमेंट भी करते रहते थे ,जो और कोई नहीं कर रहा । उदहारण उन्होंने अपने दुकान के सामने एक पॉपकॉर्न और आइस क्रीम की मशीन लगा दी थी , जिसकी वजह से उन्हें कई एक्स्ट्रा प्रॉफिट और लोगोका अट्रैक्शन भी मिल रहा था । और एसेही धीरे धीरे वो स्टोर हिट होने लगी ।
ऐसे ही कुछ नियम तोड़के और एक्सपेरिमेंट करने वो दुकान आगे बढ़ा रहे थे ।
जैसे बैन फ्रांकलिं फ्रेंचाइज़ी का एक नियम ये भी था कि उन्हें 80 % सामना बैन फ्रैंकलिन से ही खरीदना होगा ,लेकिन सैम सिर्फ 70 % या उससे भी कम सामान बैन फ्रैंकलिन से खरीदते थे ।और बाकी बाहर से खरीदते थे ताकि वे चीजे सस्ते के बेच सके कस्टमर्स को ।
उदाहरण जैसे कि बैन फ्रैंकलिन वाले सैम को अंडरवियर 2.5 डॉलर में डोजन बेचते थे जिसे सम 1 डॉलर में 3 अंडरवियर कस्टमर को देता था ,लेकिन जब सैम को पता चला कि वही अंडरवियर कोई दूसरा सेलर 2 डॉलर की डोजोन खरीद सकत हे तो वो उनसे ही लेने लग गए। और 1 डॉलर के 3 बेचने के बजाए 1 डॉलर की 4 यूनिट बेचने लगे।लेकिन इसमें उन्हें 1 यूनिट का तो लॉस हुआ लेकिन 1 डॉलर में कोई 4 यूनिट नहीं दे रहा था तो उनके पास कस्टमर की भीड़ बाद गई और सेल ज्यादा होने से प्रॉफिट भी बढ़ गया।
लेकिन इसे सैम का नियम तोड़ना बैन फ्रांकलिन के हेड को अच्छा नहीं लगा ,लेकिन वो कुछ कर नहीं सकते थे , क्युकी सैम ने उस लॉस खा रही स्टोर को एक प्रॉफिटेबल स्टोर बना दी थी।जो अब साल के 7500 डॉलर कमाने के बजाए 2लाख 50 हजार डॉलर और उससे भी ज्यादा कि सेल करने लगी। जिसे आखिर में बैन फ्रैंकलिन को भी बोहोत फायदा होता था ।
और ईसही मेहनत करके वो स्टोर पूरे रीजन की सबसे फेमस और बड़ी स्टोर होगाई। जैसे सैम वॉल्टन ने सपना देखा था।लेकिन फिर एक बोहोत बड़ी प्रॉब्लम हो गई ,उनकी एक छोटिसी गलती की वजह से ,हुआ ये कि जब उन्होंने एग्रीमेंट बनाया था बैन कि शॉप लेते वक्त तब उसम उन्होंने ऐसा कोई टर्म नहीं लिखाया था कि ओ अपनी लिस्ट पीरियड को 5 साल से ज्यादा बढ़ा सकते है ।या शॉप खरीद भी सकते है आगे ।
अब ऐसा ना करने की वजह से हुआ ये कि ,जिसकी दुकान थी उसने वापस दुकान सैम को देने की बजाय खुद अपने पास रख ली,क्युकी तब वो दुकान बोहोत ज्यादा पॉपुलर होगायी थी। मतलब सैम की पूरी मेहनत ,ताकत जो सालो से उन्होंने लगाई थी वो सब मिट्टी में मिल गई । सैम बोलते है ये उनकी लाइफ का सबसे लो प्वाइंट था।
स्टोर जाने के बाद उनको दुःख तो बोहोत हुआ ,लेकिन उन्होंने असल मर्द की तरह हार नहीं मानी ,और वापस उन्होंने नए दुकान खोलने का बोहोत कठिन निर्णय लिया, अपने पुराने दुकान में से जितने भी प्रॉफिट बचे हुए थे उनका यूज करते हुए। कई जगह जाके उन्होंने दुकान देखी लेकिन आखिर में उन्होंने बेंटोंविल नामक जगह पर अपनी शॉप खोली। जो एक बोहोत छोटासा गांव था , जहा कोई 3000 लोग रहते थे ।और सबसे बड़ी बात वह पहले से 3 शॉप्स खुली हुए थी ।जबकि सैम बोलते है कि उस जगह के लिए 1 दुकान ही बोहोत थी।
उनकी पुरानी शॉप जो उन्होंने खो दी थी वो 2.5 लाख डॉलर का सेल करती थी हर साल और ये नए3 शॉप 35 हजार डॉलर का ।लेकिन फिर भी उन्हें कंपिटेशन पसंद था तो उन्होंने उसी जगह स्टोर खोली ।और दुकान खोलते हे उन्होंने एक सेल लगा दी बोहोत सी चीजों को कम प्रॉफिट में बेचकर ।जिसकी वजह से उस छोटेसे गांव में सबको पता चल गया कि वो नई दुकान खुली हे जो बोहोत सस्ते में माल बेचती है।और ये सब बोहोत जल्दी हुआ।
और इसी बीच उन्होंने एक आर्टिकल पढ़ा कि कुछ बैन फ्रैंकलिन के स्टोर सेल्फ सर्विस के स्टोर ओपन किया है ।मतलब कस्टमर अपने पसंद का माल खुद लेगा और पैसे काउंटर पर देके चला जाएगा।ये चीज सैम वॉल्टन को बोहोत इंटस्टिंग लगी ,इसलिए वो रात को स्टोर बंद करके रात भर सफर करके पाइपस्टोन और वर्थिंगस्टोन नामक जगह पोहचे जहा ये कॉन्सेप्ट यूज किया जा रहा था ।उन्होंने उसे अच्छेसे स्टडी किया समझा और आगाए ।और उसे अपने स्टोर में अप्लाई करना चालू करी।
एसही अगर उन्हें पता चलता की कोई सस्ते में सामान बेच रहा है तो से घंटो सफर करके वह जाते और ट्रक भरकर वो सामान के आते और उसे अपने स्टोर में बेचते ।और इस तरह ओ अपने न्यू स्टोर को ग्रो करने लगे।
ईसेही जब ये दुकान हिट होने लगी तब सैम दूसरी दुकान दुंडने लगे ।और अपने पास के गांव में उन्हें यह दुकान मिल गया ।जिसके आसपास में 2 शॉप्स थे ।
लेकिन अब 2 शॉप चलाने के लिए उनको एक बेस्ट मैनेजर की जरूरत थी लेकिन उतना पैसा उनके पास नहीं था।तब उन्होंने अपने कंपिटेटर के मैनेज जोकि एक अच्छे मैनेजर थे अनपर उनकी नजर थी उनका नाम वॉकर था ।उनको सैम ने एक अच्छी ऑफर दी की अगर वो हमारे साथ काम करता हे तो वे उन्हें पार्टनर बनाएंगे और कुछ प्रॉफिट भी शेयर करेंगे ।वॉकर को सैम के बारे में पता था तो उन्होंने जल्दी से हा कर दी और काम करने लगे।
सैम क्या करते थे वो बोलते थे कि एक बोहोत अच्छा प्रोडक्ट धुंडो ,और उसको बोहोत ज्यादा क्वांटिटी में खरीदी करो जिससे उनको कुछ डॉलर का डिस्काउंट मिलेगा और उसके बाद उसे सस्ते। मे बेचकर प्रॉफिट बनाओ।
Walmart का इतिहास :
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2 जुलाई 1962 में सैम वाल्टन ने मात्र 44 वर्ष की उम्र में अपना पहला Walmart store रोजर्स शहर में खोला। जहां उन्होंने अपने भाई जेम्स और स्टीफन दासबैक के साथ व्यापार किया। इनका शुरू ये यही कहना था कि हम रियायती कीमत पर अब बड़े stores खोलेंगे। जिनका प्रमुख उद्देश्य कम कीमत पर ग्राहकों को माल बेचकर अधिक से अधिक उनको संतुष्टि पहुंचाना है।
ऐसे में अपनी कम उत्पाद कीमतों के चलते Walmart बहुत ही कम समय में पूरे अमेरिका भर में प्रसिद्ध हो गया। वर्ष 1967 तक इन्होने Walmart के लगभग 24 stores खोल लिए थे। जहां अब तक वह 12.7 मिलियन की बिक्री कर चुके थे। Walmart को साल 1969 में company की मान्यता मिल गई।
इसके बाद जब साल 1970 में Walmart प्राइवेट लिमिटेड बन गया। Walmart company का पहला share 16.50 डॉलर का था। साल 1971 में सैम वाल्टन ने Walmart का distribution centre बेंटोनविल अर्कंसास में खोला।
फिर साल 1972 में जब Walmart Newyork Stock Exchange में भी शामिल हो गई। तब Walmart company की सालाना बिक्री 74 मिलियन तक पहुंच गई। इसी दौरान इसके करीब 51 stores ko stock exchange में शामिल कर लिया गया।
फिर साल 1975 में Walmart cheer और साल 1979 में Walmart foundation की स्थापना की गई। 1980 आते आते जब Walmart की सालाना बिक्री करीब 1 बिलियन तक पहुंच गई, तब Walton foundation की स्थापना की गई। जिसके माध्यम से जरूरतमंदों तक जरूरी सेवाएं पहुंचाई जाती हैं।
1983 में सैम वाल्टन द्वारा Sam’s Club की स्थापना की गई। इसके बाद इन्होने अपनी Company को आधुनिक तकनीक से जोड़ दिया। साल 1988 में इन्होने मिस्सोरी (वॉशिंगटन) में Walmart का एक super center खोला, जहां भारी मात्रा में stock रखा जाता है।
और साल 1990 तक उनकी company के share की वैल्यू 45 बिलियन हो गई। इस प्रकार, साल 1991 में Walmart दुनिया की नंबर वन retail company बन गई। साथ ही इसने मेक्सिको की सबसे बड़ी कंपनी के साथ ज्वाइंट वेंचर बनाकर खुद को बहुराष्ट्रीय company घोषित कर लिया।
वर्तमान में Walmart company के करीब 28 देशों में 11,000 stores हैं। जिसमें वर्तमान में करीब 25 लाख से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत हैं। जो सब आज सैम वाल्टन के business idea यानि कम कीमत में suppliers से अधिक माल खरीदकर, उसे कम मुनाफे पर ही बेचकर अधिक बिक्री कर रहे हैं।
इस प्रकार, walmart एक अमेरिकन company है। जो सम्पूर्ण विश्व के अनेक देशों में online store, discount Stores और general merchant के stores चलाती है।
Walmart के अन्य महत्वपूर्ण साल
1993: एक हफ्ते में 1 बिलियन सेल
1994: कनाडा में 122 stores खोले
1996: चीन में walmart का पहला store
1997: सालाना बिक्री 100 बिलियन करने वाली पहली company
1998: ब्रिटेन में stores खोले।
2000: online shopping portal का निर्माण।
2002: अमेरिका की 500 बड़ी companies में शीर्ष पर (Fortune 500)
2005: तूफान पीड़ितों को दी 18 मिलियन की आर्थिक मदद
2007: अधिकतर stores पर online payment की सुविधा
2009: सालाना बिक्री 400 बिलियन और चिली में निवेश
2010: भारत में बेस्ट प्राइज नाम से खोला अपना पहला store, साथ ही 2 बिलियन डॉलर से भूखे और गरीबों की मदद करने का दिया आश्वासन।
2011: साउथ अफ्रीका में खोला अपना पहला store।
2012: company ने मनाई अपनी silver jubilee।
2015: Doug Mcmilon को नियुक्त किया company का CEO। वर्तमान में वालमार्ट के सीईओ भी यही हैं।
2018: भारत की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कम्पनी flipkart की 77% हिस्सेदारी खरीदी और किया भारत में अब तक का सबसे बड़ा निवेश।
सैम वॉल्टन की मृत्यु (Sam Walton Death)
सैम वॉल्टन ने वर्ष 1988 में walmart company का सीईओ पद ग्रहण किया था। लेकिन साल 1992 में 5 अप्रैल को इनकी मृत्यु हो गई। वह जीवन के अंतिम समय में बाल कोशिका ल्यूकेमिया और अस्थि मज्जा कैंसर से पीड़ित थे।
हम कह सकते हैं कि रिटेल जगत में नई क्रांति का संचार करने वाले सैम वॉल्टन ने दुनिया में व्यापार करने की एक नई सोच विकसित की। जिसके लिए उन्हें साल 1982 से लेकर 1988 तक फोर्ब्स की सूची में टॉप 100 और संयुक्त राज्य अमेरिका का सबसे धनी व्यक्ति घोषित किया गया।