हैलो दोस्तो ,आज हम गुजरात के एक ऐसे इंसान के बारे जानेंगे जो दौलत के बारे में अंबानी को भी पीछे छोड़ चुका है ।और हर दिन नए नए बेंचमार्क सेट कर रहा है ।जो इंसान आज दुनिया में अमीर इंसान की सूची में 3 पायदान पर हे ।और ना सिर्फ भारत में ही नहीं पूरी दुनिया। में अपना दबदबा बना रहा है ।जी हां हम बात कर रहे है भारत के मशहूर बिजनेस मैन गौतम अड़ानी जी की ।
एक वक्त ऐसा था जब पैसों की कमी की वजह से उन्हें अपनी पढ़ाई बीच। में ही छोड़नी पड़ी ,लेकिन वे आज एयरपोर्ट से लेकर बंदरगाह, और कोयले से लेकर घर में इस्तेमाल होने वाले तेल से भी पैसे कमा रहे है। लेकिन बोहोत काम लोग हे जो उनके बारे में ऐसा जानते है ।तो चलो देखते हे उनके जिंदगी और व्यापार का सफर ।
गौतम अड़ानी जो कि धीरूभाई अंबानी की तरह ही पहली पीढ़ी के बिजनेस मैन है ,लेकिन आज उनकी नेटवर्थ बाकी उद्योगपतियों से कई ज्यादा हे ,क्योंकि एक डायलॉग है जिसे अड़ानी ने सही साबित किया है जो ऐसा हे की कोई धंधा छोटा या बड़ा नही होता ,और धंधे से बड़ा कोई धर्म नहीं होता ।क्युकी समय के साथ अड़ानी को जो भी धंधा मिला उसे उन्होंने पुरे मन से किया ,और परचम लहराते चले गए ,लेकिन उनके फर्श से अर्श तक का सफर काफी मुसीबतों भरा रहा है ।
उनका जन्म सन् 1962 में अहमदाबाद के एक आर्थिक रूप से कमजोर परिवार में हुआ ।पिता का छोटासा काम था लेकिन वो ठीक से चल नहीं रहा था ,इसे के वक्त के साथ साथ आर्थिक हालत और बिगाड़ते चले गए ।जिसकी वजह से गौतम अड़ानी को अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी और काम के लिए हात पैर4 मारने पड़े ,इसी बीच बे अहमदाबाद से बड़ी उम्मीद लेकर काम उम्र में ही मुंबई आगाये ।जहां शुरवात में उन्हें बोहोत ज्यादा संघर्ष करना पड़ा ,लेकिन कुछ वक्त के बाद उन्हें एक डायमंड सप्लायर। के यहां नौकरी मिल गई ।3 साल काम करने के बाद उन्हें समझ में आया कि उन्हें जिंदगी में करना क्या है ,इसलिए उन्होंने नौकरी छोड़कर अपना काम शुरू किया ।और जवाहर बाजार में डायमंड ब्रोकरेज कंपनी की शुरवात की ,गौतम अड़ानी को अपने जिंदगी का गोल पता था कि वो क्यों काम कर रहे है ,इसलिए उन्होंने कम उम्र में ही धंधा धौड़ा दिया मेहनत करके ,लेकिन उनकी किस्मत तब चमकी जब 1981 उनके बड़े भाई ने उन्हें अहमदाबाद बुलाया , दरअसल भाई ने सामान को पैक करने वाली प्लास्टिक की एक कंपनी खरीदी पर कुछ चल नहीं रही थी ,क्युकी जो कच्छा माल चाहिए था वो जरूरत के हिसाब से नहीं मिल पा रहा था ।
बाहर देश से कच्चे माल को इंपोर्ट करना पढ़ रहा था , ऐसे में इस एक अवसर के तौर पर देखते हुए अड़ानी ने कांडला पोर्ट पर प्लास्टिक ग्रानुर्स का आयात शुरू किया ,और 1988 में शुरू किए अड़ानी एक्सपोर्ट्स जिसका नाम बदलकर बादमें अड़ानी एंटरप्राइजेज रख दिया गया , इसमें धातु ,एग्रीकल्चर प्रोडक्ट और कपड़े की ट्रेडिंग होती थी ।काम चल पड़ा और कुछ ही समय में अड़ानी इस बिजनेस से बड़ा नाम बन गए ।और 1994 के अड़ानी एंटरप्राइजेज को शेयर बाजार में लिस्ट कर दिया गया ।
फिर साल आया 1995 जिसने आज उन्हें इस मुकाम पर पोहचने की नीव रखी ,क्युकी उस वक्त गुजरात सरकार पोर्ट डेवलपमेंट के लिए प्राइवेट कंपनीज की तलाश कर रही थी ,ऐसे में ये खबर अड़ानी तक पोहची तो उन्हें कमाई का और एक सोर्स नजर आया ,इसलिए उन्होंने गुजरात के सबसे बड़े बंदरगाह मुंद्रा पोर्ट को ही खरीद लिया ।मुंद्रा पोर्ट को खरीदने के बाद 1998 को गौतम अड़ानी ने अड़ानी पोर्ट एंड लॉजिस्टिक्स की शुरवात की।
वैसे मुंद्रा बंदरगाह की खासियत के बारे में बताए तो, ये बंदरगाह करीब 8000 हेक्टर में फैला ये पोर्ट आज भारत का सबसे बड़ा निजी बंदरगाह है ।और इस पोर्ट से पूरे भारत का लगभग एक चौथाई माल की आयात निर्यात होती है ।साथ ही यह जगह स्पेशल इकोनोमिक की तहत बना हे ,इसलिए प्रोमोटर कंपनी को कोई टैक्स भी नहीं देना पड़ता ।
इस झोन में प्राइवेट रैल लाइन , पावर प्लांट और एक प्राइवेट एयरपोर्ट भी है।और आज अड़ानी पोर्ट देश की सबसे बड़ी पोर्ट मैनेजमेंट कंपनी है।और गुजरात,महाराष्ट्र,गोवा,केरल, आंध्रप्रदेश , तमिलनाडु और ओडिशा जैसे 7 समुद्री राज्यों में उनके 13 डोमेस्टिक पोर्ट है।
जैसे जैसे वक्त गुजरता गया वैसे वैसे अड़ानी खुदको ग्रो करते गए ।वो लोगोंको रसोइयों तक की पुहच गए । फॉर्च्यून के साथ ,वही फॉर्च्यून जिसका रिफाइंड ऑयल आज सुबह ,शाम, दिन ,रात हमारे घर में इस्तमाल होता है ।
जनवरी 1999 के अड़ानी ग्रुप ने विल अग्री बिजनेस ग्रुप विलमर्क के साथ हात मिलाकर खाने के तेल के बिजनेस में कदम रखा था ।वैसे फॉर्च्यून ऑयल के अलावा अड़ानी ग्रुप डाल,चावल, आटा ,चीनी जैसे चीजों से भी आपके रसोई का हिस्सा बना हुआ है ।जिनके रख रखाव की लिए 2005 में अड़ानी ने फूड कॉर्पोरेशन के साथ मिलकर अलग अलग राज्यो में बड़े बड़े सौलोज बनाए , सैलोज बेसिकली वो जगह होती है जहा बड़े पैमाने में अनाज को रखा जाता है ।सेलोज की कॉन्टैक्ट के लिए अड़ानी ने निजी रेल लाइन भी बनाई ।क्युकी अनाज को लाने लेजाने में आसानी हो ।
कहते हे की हीरे की परख सिर्फ जोहरी ही जानता है ।इसलिए अड़ानी को काले कोयले में भी पैसा दिखा ,उन्होंने डोमेस्टिक इलेक्ट्रिसिटी का जेनरेशन किया ,बड़े बड़े राज्यो को बिजली सप्लाई करनी शुरू की ,लेकिन इतने बड़े पावर प्लांट को चलाने के लिए जरूरत से ज्यादा कोयला चाहिए था ,इसलिए दिमाग चलाया और ऑस्ट्रेलिया की एक कोल माइन को खरीद डाला ।
Fortune india magzine के मुताबिक 2010 में अड़ानी ने लिंक एनर्जी से 12147 करोड में कोयला खदान खरीदी थी । एस खदान में 7.8 बिलियन टन के खनिज भंडार है ।जो हर साल 60 मिलियन टन कोयला पैदा कर सकती है ।
इसी तरह इंफ्रास्ट्रक्चर कि कमी से इंडोनेशिया में मौजुद तेल , गैस और कोयला के लिए अड़ानी ग्रुप ने साउथ सुमात्रा से कोयला दुलाई के लिए 1.5 अरब डॉलर निवेश करने कि घोषणा की,उस समय इंडोनेशिया निवेश मॉडर्न ने बताया था कि अड़ानी समूह 5 करोड़ टन की क्षमता एक कोल हैंडलिंग पोर्ट का निर्माण करेगा ,और साउथ सुमात्रा आयरलैंड की खदानों से कोयला निकालने के लिए 250 किलो मीटर रेल लाइन बिछाएगा ।
खैर इसी तरह अड़ानी अपना कारोबार आगे बढ़ते गए और और जिस अड़ानी समूह का कारोबार 2002 में 76.5 करोड़ डॉलर था जो 2014 तक आते आते 10 अरब डॉलर होगया ।
इसी तरह वक्त की जरूरत को देखते हुए अड़ानी ग्रुप ने नैसर्गिक गैस के क्षेत्र में भी बिजनेस को बढ़ाया और 2017 में सोलर पी. वही . पैनल बनान शुरू किए ।
उसके बाद आदमी ने एयरपोर्ट की तरफ उड़ान भारी और 2019 में अहमदाबाद , लखनौ, मंगलुरू ,जयपुर,गुवहाटी और तिरुअनंतपुरम जैसे 6 हवाई अड्डे की मोदेटाइजेशन और ऑपरेशन कि जिम्मेदारी उठाई ।और अगले 50 सालो तक अड़ानी ग्रुप इन सब एयरपोर्ट का मनागमेंट और डेवलपमेंट संभालेगा। वहीं मुंबई नेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड में भी अड़ानी ग्रुप के पास 74 % की हिस्सेदारी है ।
और आज इतने मेहनत के बाद सोने के जैसे तपने के बाद उनके जिंदगी को निखार आगाय हे 2022 में वे भारत के सबसे अमीर इंसान व आशिया के सबसे अमीर इंसान और दुनिया के 3 र सबसे अमीर इंसान बने।
Gautam Adani House -
धन्यवाद ।।।।।।।।